Top 50+ Matlabi Dost Shayari in Hindi, Status, Quotes, मतलबी दोस्त शायरी
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बुरे वक्त में मेरी जुबां पर दोस्तों का ही नाम आया।
पर मेरे बुरे वक्त में मेरा कोई दोस्त न काम आया।।
मतलबी दोस्तों की यहीं कहानी है,
चापलूसी करना उनकी निशानी है।
बुरा भले लगे पर मैं सच कहता हूँ,
अब मतलबी दोस्तों से दूर रहता हूँ।
जिस पर भरोसा होता है जब वहीं धोखा देता है,
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है।
सच्चे दोस्तों की एक निशानी होती है,
वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते।
कुछ की फितरत और कुछ की मजबूरी होती है,
कुछ भी हो मतलबी होना ही गलत होता है।
यह दोस्ती का सवाल है साहब
यहां 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।
सुनो कितना अच्छा होता जो तुम मतलबी होते
और तुम्हें सिर्फ मुझसे ही मतलब होता।।
बहुत मतलबी निकला ए-दिल तू मेरा होकर भी
धड़कता तो तू मेरे सीने में है पर किसी और का होकर।
मेरी दोस्ती का उन्होंने मुझे अच्छा सिला दिया,
मेरे बुरे वक्त में हर किसी ने मुझे भुला दिया।
लड़ना चाहता हूं अपनों से
पर सोचता हूं जीत गया तो हार जाऊंगा।
जहाँ कोई खास होता हैं वही विश्वास होता हैं,
और जहाँ विश्वास होता हैं वहीं विश्वासघात होता हैं।
ढूंढना ही है तो परवाह करने वालों को ढूँढिये साहेब
इस्तेमाल करने वाले तो खुद ही आपको ढॅूढ़ लेंगे।।
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो अब भी जिसे हासिल नहीं हैं हम।
जरूर एक दिन वो शख्स तड़पेगा हमारे लिए
अभी तो खुशियाँ बहोत मिल रही है उसे मतलबी लोगो से।
वह सारी दुनिया की खबर रखते हैं
बस एक मुझसे ही बेखबर रहते हैं।
अच्छे दोस्त आँखों में खटकने लगते है,
जब मतलबी लोग दोस्त बनने लगते है।
दोस्ती के अब मतलब बदलने लगे है,
जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है।
कैसे भरोसा करू गैरों के प्यार पर,
यहाँ अपने ही मजा लेते हैं अपनों की हार पर।
सबसे बुरा तब लगता है जब मतलबी लोग
आपके दिल में उतर जाते हैं।
मैं धोखेबाज नहीं जो साथ रहने वालो को दे दूं
बस बात ये है कि मुझे समझना हर किसी की बात नही।
शायरी करने के लिये कुछ खास नहीं चाहिये,
बस एक यार चाहिये वो भी मतलबी चाहिये।
मेरे कम दोस्त होने की वजह ये भी है कि
मुझे मतलबी दोस्तों से नाता तोड़ने में वक़्त नहीं लगता।
शायद मैं गुलों पे, ऐतबार भी कर लूं
मगर भंवरे यहां, धोखेबाज़ बहुत हैं।
लोग ख़ुद पर विश्वास खोने लगे है,
अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे है।
किसी ने जब पूछा मुझसे कि दोस्ती कब तक चलती है,
तो मैंने भी कह दिया कि बस मतलब तक चलती है।
जो सच और कड़वा बोलता है,
वो मतलबी और धोखेबाज नहीं होता है।
कुछ मतलबी लोग ना आते,
तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी।
जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है,
तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है।
पहले जो दोस्त जब मौका मिले तब मिलते थे,
अब जब तक कोई काम न हो तब तक नहीं मिलते।
अब लोग वक्त के साथ बदल जाते हैं,
सच्चे दोस्त भी अब मतलबी हो जाते हैं।
स्वार्थी दुनिया में मतलब के यार बहुत मिल जाएंगे,
पर सच्चा दोस्त बड़ी मुश्किल से मिलता है।
जो सच और कड़वा बोलता है,
वो मतलबी और धोखेबाज नहीं होता है।
जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है,
तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है।
पहले जो दोस्त जब मौका मिले तब मिलते थे,
अब जब तक कोई काम न हो तब तक नहीं मिलते।
अब लोग वक्त के साथ बदल जाते हैं,
सच्चे दोस्त भी अब मतलबी हो जाते हैं।
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है हाथों में पत्थर लेकर,
मैं कहाँ तक भागूँ शीशे का मुकद्दर लेकर।
बुरा वक़्त आया तो कमियां गिना रहे हैं,
मेरे दोस्त अब मुझे दोस्ती का मतलब समझा रहे हैं।
वह आखरी वक्त तक कहता रहा तू मेरा भाई है,
वो साफ़ लफ्जो में खुद को धोखेबाज भी ना कह सका।
मसला यह भी है इस ज़ालिम दुनिया का
कोई अगर अच्छा भी है तो वो अच्छा क्यों है।
दोस्त बस बैठक में बैठते हैं साथ के लिए,
पर मुसीबत में साथ कोई खड़ा नहीं होता।
तू ले चल ऐ हवा, मुझे दूर यहाँ से
इस शहर में मेरे, हमराज़ बहुत हैं।
दोस्त बनकर जो धोखा दे,
उससे बड़ा कोई दुश्मन नहीं हो सकता।
मेरे दोस्त एक बार स्वार्थी न होकर
निस्वार्थ होने की कोशिश कर।
सच बोलों हमेशा मुस्कुराकर,
धोखा न देना दोस्त बनाकर।
हर ख्वाब समझा था तुमको ही लेकिन
मेरा ये भरम था मेरे पास तुम हो।
कुछ सफर साथ चल कर उसने
हाथ छुड़ा लिया, किसी और का होने के लिए।
दोस्त कितने हैं इससे फर्क नहीं पड़ता
जरूरी यह है कि काम कितने आते हैं।
जब दोस्ती के बीच मतलब आ जाता है तो,
हर मुलाक़ात में कोई न कोई मक़सद आ जाता है।
सच्चे मोहब्बत करने वाले किसी कोने की पहचान बन गये,
और मतलबी दिलों के मालिक हो गये।
जमा करते रहे जो अपने को ज़र्रा ज़र्रा
वह क्या जाने बिछड़ने का सुकुं कितना है।