Difference between Performance and Position
Difference between Performance and Position
एक बार एक ब्राहमण मर गया, और वो स्वर्ग के वेटिंग लाइन में खडा हुआ था
उनके आगे एक काला चश्मा, सूट बूट पहने हरियाणा का जाट था
धर्म राज जाट से : कौन हो तुम, कहा से आये हो ?
जाट : मैं हरियाणा रोडवेज का ड्राइवर हूँ
धम॔राज : ये लो सोने की शाल और अंदर जाकर अप्सराओ के साथ गोल्डन रूम एन्जॉय करो !
धम॔राज ब्राहमण से : कौन हो तुम, कहा से आये हो ?
ब्राहमण : मैं ब्राहमण हूँ, और 25 सालो से लोगों को भगवान के बारे में बताया करता था !
धम॔राज : ये लो सूती वस्त्र और अंदर जा कर छप्पर में भैंसों के साथ अपना स्थान करो
ब्राहमण : भगवान, ये गलत है, ये तेज गति से गाड़ी चलाने वाले को सोने की शाल और जिसने पूरा जीवन भगवान का ज्ञान दिया उसे सूती वस्त्र, ये सरासर नाइंसाफी है.
जब तुम ज्ञान देते थे उस वक्त सभी भक्त सोते थे
लेकिन जब यह जाट बस को तेज गति से चलाता था तब सब लोग सच्चे मन से भगवान को याद करते थे|
इसीलिए वत्स हमेशा Performance देखी जाती है Position नही..?