Top 70+ Desh Bhakti Shayari in Hindi 2022 | देशभक्ति शायरी for WhatsApp, Facebook status
Top 70+ Desh Bhakti Shayari in Hindi 2022:– We are talking about Desh Bhakti Shayari on this page, so we have many Shayari here to read and Share with your friends on WhatsApp, and Facebook status. We are giving many of Sharayi about Independence day so keep reading and sharing this page.
सुन्दर है जग में सबसे, नाम भी न्यारा है,
जहाँ जाती-भाषा से बढ़कर, देश-प्रेम की धारा है,
निशचल, पवन, प्रेम पुराना, वो भारत देश हमारा है!!
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये!
ये बात हवाओं को बताये रखना,
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना!
लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना!!
स्वतंत्रता दिवस की बधाई!
गूँज रहा है दुनिया में भारत का नगारा,
चमक रहा आसमान में देश का सितारा!
आज़ादी के दिन आओ मिलके करें,
दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगाहमारा!!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई हो…
चलो फिर से वो नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर लें!
जिसमें बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पर,
देशभक्तों के खून की वो धारा याद कर लें!!
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मात्रभूमि की शान का है!
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है!!
ना पूछो ज़माने को, क्या हमारी कहानी है!
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी है!!
ना सर झुका है कभी, और ना झुकायेंगे कभी,
जो अपने दम पर जिए, सच में जिंदगी है वही!!
खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है,
सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है,
इश्क तो करता है हर कोई, महबूब पे मरता है हर कोई,
कभी वतन को महबूब बना कर देखो, तुझपे मरेगा हर कोई!!
काँटों में भी फूल खिलाएं
इस धरती को स्वर्ग बनायें,
आओ, सब को गले लगायें
हम स्वतंत्रता का पर्व मनाएं
कुछ हाथ से उसके फिसल गया,
वो पलक झपक कर निकल गया,
फिर लाश बिछ गयी लाखों की,
सब पलक झपकते बदल गया,
जब रिश्ता राख में बदल गया,
इंसानों का दिल भी दहल गया,
मैं पूछ पूछ कर हार गया,
क्यों मेरा भारत बदल गया!!
काँटों में भी फूल खिलाएं
इस धरती को स्वर्ग बनायें,
आओ, सब को गले लगायें
हम स्वतंत्रता का पर्व मनाएं
वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की,
तोड़ता है दिवार नफरत की,
मेरी खुशनसीबी, मिली जिंदगी इस चमन में,
भुला न सके कोई इसकी खुशबु सातों जन्म में!!
ना मरो सनम बेवफा के लिए,
दो गज जमीन नही मिलेगी दफ़न होने के लिए,
मरना है तो मरो वतन के लिए,
हसीना भी धुप्पटा उत्तार देंगी तेरे कफ़न के लिए!!
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये!
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
ज़माने भर में मिलते है आशिक कई,
मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता,
सोने के कफ़न में लिपट मरे शशक के,
मगर तिरंगे से खुबसूरत कोई कफ़न नही होता!!
दे सलामी इस तिरंगे को, जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका, जब तक तुझमें जान है!!
छोडो कल की बातें, कल की बात पुरानी,
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नयी कहानी,
हम हिन्दुस्तानी!
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे रंग में मत बांटो हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।
दिल में चाहे जितनी आरजू हो…
सब छोटी मेरे देश के आगे।
इस तिरंगे पर मेरी जान भी कुर्बान,
ये विश्व में है सदा सबसे आगे।
तीन रंगों का नहीं ये वस्त्र,
ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलों का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही है हिमालय,
यही हिन्द की जान है,
और तीन रंगों में रंगा हुआ,
ये अपना हिंदुस्तान है।
दिल में जुनून,
आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ,
दुश्मन की जान निकाल जाए,
आवाज में इतनी दमक रखता हूँ।
फांसी का फंदा भी फूलों से कम न था,
वो भी डूब सकते थे इश्क़ में किसी के,
पर वतन उनके लिए माशूका के प्यार से कम ना था।
ये जमीन सबकी है ये आसमान सभी का है,
प्यारा देश फले-फूले ये अरमान सभी का है,
इस मिट्टी को सबने खून पसीने से सींचा है,
किसी एक का नहीं ये हिंदुस्तान सभी का है।
भारत की पहचान हो तुम
जम्मू की जान हो तुम
सरहद का अरमान हो तुम
दिल्ली का दिल हो तुम
और भारत का नाम हो तुम
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ ले कुरान!
अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाये साराहिन्दुस्तान!!
संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे!
हम मिलजुल के रहे ऐसे कि,
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम बसे जैसे!!
आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो,
मस्जिद में भजन मंदिरों में अज़ान हो,
खून का रंग फिर एक जैसा हो,
तुम मनाओ दिवाली मेरे घर रमजान हो।
दोस्ताना इतना बरकरार रखो कि,
मजहब बीच में न आये कभी,
तुम उसे मंदिर तक छोड़ दो ,
वो तुम्हें मस्जिद छोड़ आये कभी।
बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते,
इनको तू बेकार न कर!
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई,
घर के आँगन में दीवार ना कर!!
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ!
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ!!
जय हिन्द
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा!
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे ,
मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा!!
वो तिरंगे वाली डीपी हो तो लगा लो जरा…
भाई जी, सुना है कल देशभक्ति दिखाने वाली तारीख है!!
जशन आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को…
तिरंगा है आन मेरी, तिरंगा है शान मेरी!
तिरंगा रहे ऊँचा सदा हमारा, तिरंगे से है धरती महान मेरी!!
मरने के बाद भी जिसके नाम में जान है,
ऐसे जाँबाज सैनिक भारत की शान है।
काले गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है,
कुछ और ना आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है।
चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में!
देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रखा है!
अनेकता में एकता ही, हमारी शान है!
इसलिए मेरा, भारत महान है!!
15 अगस्त की हार्दिक बधाई
उस देश को कोई छू भी नहीं सकता,
जिस देश की सरहद है ये निगाहें!!
मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है,
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है!
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है!!
चलो फिर से खुद को जगाते है,
अनुशासन का डंडा फिर घूमाते है!
सुनहरा रंग है स्वतंत्रता का शहीदों के लहू से,
ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकते है!!
अधिकार मिलते नही लिए जाते है,
आज़ाद है मगर गुलामी किए जाते है!
वंदन करो उन सेनानियों को,
जो मौत को आँचल में जिये जाते है!!
उनके हौंसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज़ देश पर उधार है!
आप और हम इसलिए खुशहाल है क्यूंकि,
सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार है!!
उठाकर तलवार जब घोड़े पे सवार होते,
बांध के साफा जब तैयार होते!
देखती है दुनिया छत पे चड़ के,
कहते है की काश हम भी ऐसे होशियार होते!!
वक़्त आ गया है अब दुनिया को साफ़-साफ़ कहना होगा,
देश प्रेम की प्रबल धार में हर मन को बहना होगा!
जिसे तिरंगा लगे पराया, मेरा देश छोड़ जाये,
हिंदुस्तान में हिंदुस्तानी बनकर ही रहना होगा!!
वतन हमारा ऐसे न छोड़ पाये कोई,
रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाये कोई!
दिल हमारे एक है, एक ही हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है, हम है इसकी शान!!
आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा!
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा!!
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे!
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की,
तब तक भारत का आँचल नीलाम नहीं होने देंगें!!
जिसका ताज़ हिमालय है,
जहाँ बहती गंगा है,
जहाँ अनेकता में एकता है!
‘सत्यमेव जयते’ जहाँ नारा है,
वो भारत वतन हमारा है!!
ख़ुशनसीब है वो जो वतन पे मिट जाते है,
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते है!
करता हूँ तुम्हें सलाम-ए-वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में बस्ता तिरंगें का नसीब है!!
आओ झुक कर करे सलाम उन्हें
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है!
कितने खुशनसीब है वो लोग,
जिनका खूनवतन के काम आता है!!
हर वक़्त मेरी आँखों में धरती का स्वपन हो,
जब कभी मरूँ तो तिरंगा मेरा कफ़न हो!
और कोई ख़्वाहिश नहीं जिंदगी में,
जब कभी जनमू तो भारत मेरा वतन हो!!
वतन है मेरा सबसे महान,
प्रेम सौहाद्र का दूजा नाम!
वतन-ए-आबरू पर है सब कुर्बान,
शांति का दूत है मेरा हिंदुस्तान!!
क्या हिंदू क्या मुस्लिम
क्या सिख क्या इसाई
मेरी भारतमां ने कहा था
हम सब है भाई–भाई
ना मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए,
जब तक जिंदा रहूँ, इस मातृभूमि के लिए,
और जब मरूँ तो तिरंगाकफन चाहिए।
तैरना है तो समुन्दर में तैरो,
नदी नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो देश से करो,
औरों में क्या रखा है।
वंदे मातरम…
मैं जला हुआ राख़ नहीं, अमर दीप हूँ,
जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ॥
बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।
दे सलामी इस तिरंगे को,
जिस से तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक तुझ में जान है.
छोड़ो कल की बातें,
कल की बात पुरानी,
नए दौर में लिखेंगे,
मिल कर नयी कहानी,
हम हिंदुस्तानी.
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ ले कुरान,
अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान।
एक सैनिक ने क्या खूब कहा है…
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
जय हिन्द.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है,
कि चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है,
मैं अमन पसंद हूँ,
मेरे शहर में दंगा रहने दो,
लाल और हरे में मत बांटो,
मेरी छत पर तिरंगा रहने दो।
ये नफरत बुरी है न पालो इसे,
दिलो में खलिश है निकालो इसे,
न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका,
यह सब का वतन है, बचा लो इसे.