Top 100+ Sad Shayari in Hindi | Breakup Shayari | Heart Touching Shayari for Girlfriend, Boyfriend
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तुम मुझे जितनी इज़्ज़त दे सकते थे दे दी
अब तुम देखो मेरा सबर और मेरी ख़ामोशी
कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला
जोभी मिलता है समझा के चला जाता है
किसी को कितना भी प्यार दे दो
आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है
मुझे भी याद रखना जब लिखो तारीख वफ़ा की
मैंने भी लुटाया है मोहब्बत मैं सकूँ अपना
वक़्त से पहले हादसों से लड़ा हूँ
मै अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ
खुदा ने किस्मत में साँसे लिखी थी
इंसानो ने रोक दी
हाँ याद आया इसके आखरी अलफ़ाज़ ये थे
अगर जी सको तो जी लेना अगर मर जाओ तो अच्छा है
मेरी वफा की कदर ना की अपनी पसन्द पे एतबार किया होता
सुना है वो उनकी भी ना हुई मुझे छोड़ दिया था तो उसे अपना लिया होता
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ज़ख्म दे कर ना पूछ तो मेरे दर्द की शिद्दत
दर्द तो फिर दर्द है काम क्या ज्यादा क्या
मुद्दतों बाद भी नहीं मिलते हम जैसे नायाब लोग
तेरे हाथ क्या लग गए तुमने तो हमे आम समझ लिया
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए
मेरी हर शायरी दिल के दर्द को करता बयां
तुम्हारी आँख न भर आये कही पढ़ते पढ़ते
इन्हे अपना भी नहीं सकता मागत इतना क्या कम है
कुछ मुद्दतें हसीं खवाबो मैं खो कर जी लिया हमने
कबूल ऐ करते हे तेरे कदमो मे गिरकर
सजाए मौत मनजूर है मगर अब मोहब्बत नही करनी
चुप है किसी सबर से तो पत्थर ना समझ हमें
दिल पे असर हुआ है तेरी बात बात का
हमने कब कहा मोहब्बत नहीं मिली हुमको
मोहबात तो मिली मगर तुम से ना मिली हुमको
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खामोशियाँ कर देते है बयां तो अलग बात है
कुछ दर्द है जो लफ़्ज़ों में उतरे नहीं जाते
बड़ी हसरत थी कोई हमे टूट कर चाहे
लेकिन हम ही टूट गए किसी को चाहते चाहते
अब तो आदत सी बन गयी है
तुम दर्द दो हम मुस्कुरायेंगे
वो जिनको देख कर आँखों में आसूं जाते है
वहीं कुछ लोग ज़िन्दगी वीरान कर जाते है
डूबा है मेरा बदन मेरे ही खून से
ये कांच के टुकड़ों पे भरोसे की सजा है
सुनी थी हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ
थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,अब कोई अच्छा भी लगे तो… इज़हार नहीं करता !!
रोज़-रोज़ जलते हैं,फिर भी खाक़ न हुएं,अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी,बुझ कर भी राख़ न हुएं।
हज़ार बातें कहें लोग,तुम मेरी वफ़ा पर यकीन रखना…!
बहुत करीब से अनजान बनकर गुजरा है वो,
जो बहुत दूर से पहचान लिया करता था कभी..
ये जो तुमने ख़ुद को बदला है ..ये बदला है या “बदला” है!!
कोई सुलह करा दें ज़िंदगी की उलझनों से…बड़ी तलब लगी हैं आज मुसकुराने की.
कुछ ज़ख्म सदियों के बाद भी ताज़ा रहते हैं फ़राज़..वक़्त के पास भी हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…
मेरी यादों की कश्ती उस समुन्दर में तैरती है,
जहां पानी सिर्फ और सिर्फ मेरी आँखों का होता है…
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतने हुए कि दो बूंद आँसूओं ने डुबो दिया।
बेहद हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए,आज उसी ने सिखा दिया हद में रहना!
अगर न लिखते हम तो कबके राख हो गए होते,
दिल के साथ साथ रूह में भी सुराख हो गए होते!!
तेरी उम्मीद पे शायद न अब खरे उतरें हम,
इतनी बार बुझे हैं कि जलना भूल गए!!
ऐसा लगता है जैसे हर इम्तिहाँ के लिए…किसी ने ज़िंदगी को हमारा पता दे दिया है.!!
समझकर भी जो न समझे उसकोसमझाकर भी क्या होगा…
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है;नया दर्द ही, पुराने दर्द की दवाई है!
कभी मुझ को साथ लेकर, कभी मेरे साथ चल कर,
वो बदल गया अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल कर…
आज एक ख़्वाब ने मुझसे पूछा..
“पूरा करोगे या टूट जाऊँ “
कौन सिखा है सिर्फ बातों से,सबको एक हादसा ज़रूरी है…
अभी तक मौजूद है इस दिल पर तेरे कदमों के निशां..हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया।
अनपढ़ सा मैं, दो लफ्ज़ लिखने लगा हूं,मोहब्बत से मैं घायल बहुत हुआ हूं।
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं…
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता
नज़रों को यूं ही झुका देने से नींद नही आती,सोते वहीं है जीनके पास किसीकी यादें नहीं होती।
ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी ख़ातिर,तुझसे फासला भी शायद उनकी बद-दुआओं का असर है।
तुझ से नही तेरे वक़्त से नाराज़ हूं,जो कभी तुझे मेरे लिए नहीं मिला
गुजरती है जो दिल परवो जुबान पर लाकर क्या होगा..
ये ज़िन्दगी आजकल मुझसे नाराज़ रहती है.लाख दवाइयाँ खाऊं तबियत खराब ही रहती हैं….
जो कभी न भर पाएं ऐसा भी एक घाव है,जी हाँ…उसका नाम लगाव है!!
एहसान वो किसी का रखते नहीं मेरा भी चूका दिया;
जितना खाया था नमक मेरा, मेरे जख्मों पर लगा दिया…
जो जाहिर करना पड़े वो दर्द कैसा और
जो दर्द ना समझ सके वो हमदर्द कैसा…
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्तें निभाना बड़ा नाज़ुक सा हूनर होता है
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी की हर ख़्वाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
बेहद करीब है वो शख़्स आज भी मेरे इस दिल के,
जिसने खामोशियों का सहारा लेकर दुरियों को अंजाम दिया..
दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं।
दिल से मिटा न पाओगे मैंने कहा था,
तुम किसी और के होकर भी मेरे ही रहे।
तक़दिर के हम सबसे पसंदीदा खिलौना है।
वो रोज़ जोड़ती है हमें फिरसे तोड़ने के लिए।
कौन है जिसमें कमी नहीं होती,
आसमां के पास भी तो जमीं नहीं होती।